देबाशीष, अनुराग और अनुनाद का धन्यावाद । देबाशीष वह पहले व्यक्ति थे जिन्होने मेरे ब्लाग की त्रुटियों को मुझे बतलायला। उन्होने मुझे मुझे समाधान भी दिए पर मैं उन्हें समझ नहीं पाया था । इस पर भी उन्होने मेरा साथ नहीं छोडा था ।
मेरे हर सन्देश का उत्तर दिया । लगता है कि कन्ही वह मुझे भूल भी गए थे । पर जब मैंने सम्पर्क किया तो उन्होंने वारतालाप बनाए रखा ।
अनुनाद का भी धन्यवाद करता हुँ । उन्होंने भी मेरे सन्देश का
उत्तर दिया ।अनुराग के उत्तरों से ज्यादा लाभान्वित हुँआ हुँ ।
वैसे तो देबाशीष ने भी समाधान दे दिया था ।
परन्तु अनुराग के ही ब्लाग से मैंने उन लिक्कों का
प्रयोग किया जिससे मैं अपना प्रकाशन युनिकोड में कर पाया ।
मैं आशा करता हुँ कि अब मेरा ब्लाग पढा जा सकता है ।
सुमीरजी, बधाई हो! आखिरकार आपने अपनी समस्या का समाधान पा ही लिया. अब हम आपका ब्लॉग मजे से पढ़ पा रहे हैं.
ReplyDeleteबाईं ओर के मिन्यु-आईटम्स अभी भी ठीक से नही दिख पा रहे हैं. लेकिन आशा है इसे आप सुधार लेंगे.
ReplyDelete-ई-स्वामी
http://hindini.com/eswami
बधाई हो सुमीर जी । इस सफलता का श्रेय आपकी इच्छा-शक्ति को भी जाता है । आपने ठान लिया तो इस समस्या में क्या दम था ?
ReplyDeleteअनुनाद