Tuesday, March 25, 2008

जिंदगी अब इशक हुआ है तुझ से

कैसे कहें किसी से
दिल लगता नहीँ
इतने अकेले हैं
कोई जचता नही
जिंदगी
अब इशक हुआ है तुझ से


मिल जाऐ कोई
इस की हसरत नही
बिछड जाऐ कोइ
इस की फिक्र नही
जिंदगी
अब इशक हुआ है तुझ से

गिला है किसी को मुझसे
अपनी बला से
गिला है मुझको किसी से
तो फिर क्या
जिंदगी
अब इशक हुआ है तुझ से

डाली पर फूल दिखे
मुस्करा देता हूँ
मटेला बच्चा भीख मांगे
आँखों से सह्लाह देता हूँ
जिंदगी
अब इशक हुआ है तुझ से

Musafiroon ki gintee