बदनसीबी
खुदा के घर से निकली
घर मेरा ही मिला उसे
पनाह पाने को
वो आई
चबूतरे से ईंट गिरी
चबूतरा नीचे आ गिरा
छत तड़क गयी
दीवारें ड़ेह गईं
दफ्न मेरा घर हुआ
मैं मर गया
मेरी सांसें चलती रहीं
बदनसीबी
सुमीर को छोड़ निकली
शायद अभी नहीं
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