कैसे कहें किसी से
दिल लगता नहीँ
इतने अकेले हैं
कोई जचता नही
जिंदगी
अब इशक हुआ है तुझ से
मिल जाऐ कोई
इस की हसरत नही
बिछड जाऐ कोइ
इस की फिक्र नही
जिंदगी
अब इशक हुआ है तुझ से
गिला है किसी को मुझसे
अपनी बला से
गिला है मुझको किसी से
तो फिर क्या
जिंदगी
अब इशक हुआ है तुझ से
डाली पर फूल दिखे
मुस्करा देता हूँ
मटेला बच्चा भीख मांगे
आँखों से सह्लाह देता हूँ
जिंदगी
अब इशक हुआ है तुझ से
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Excellent thoughts, Thanks!
ReplyDeleteडाली पर फूल दिखें मुस्करा देता हूँ
ReplyDeleteमतेला बच्चा भीख मांगे, आँखों से ....
और ये
ज़िन्दगी अब इश्क हुआ है तुझ से ......
बहुत खूब हुज़ूर ....
एक नायाब कविता ..और खूबसूरत इज़हार
मुबारकबाद .
---मुफलिस---
good hai!!
ReplyDeleteAap sab ka Shukriya.
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