हम से
हमारे दिल का
हाल न पुछिए
बद्हवासी मे जाने
क्या क्या कह गए
युँ तो किसी से
गिला नही हमे
सीने पर जाने
किस किस के वार
हम सह गए
कदरो कीमतो का अब यह है
हर एक मुजरिम दुहाई देकर
गुणाह बख्शा लेता है
खुदाई का दावा कर के
शैतान भी गन्गा नहा लेता है
अलफाजो का अब अर्थ सिफर हुआ
भावो की धज्जिया उड चली
जजबातो के अदाकारो ने
शब्दो के अर्थ बदल दिए
बेखोफ हुआ आदम युँ
कि खुदा को
हिसाब सिखाने चला है
पाप पुण का खाता
ऍसा लिखता है कि
हासिल मे बेदाग दिखता है
हम से
हमारे दिल का
हाल न पुछिए
बद्हवासी मे जाने
क्या क्या कह गए
युँ तो किसी से
गिला नही हमे
बस युँ ही
खुदा को
काफिर कह गए